NHM कार्यकर्ताओं का बड़ा कदम : 16 हजार से अधिक ने दिया सामूहिक इस्तीफा, प्रदेशभर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
- Surguja Socials
- Sep 8
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प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा संभाल रहे एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) कार्यकर्ताओं का आंदोलन अब चरम पर पहुँच गया है। पिछले 22 दिनों से लगातार हड़ताल पर बैठे कार्यकर्ताओं ने सोमवार को सामूहिक त्यागपत्र देकर सरकार पर दबाव और बढ़ा दिया है। अंबिकापुर में एनएचएम कार्यकर्ताओं ने सीएम के नाम संबोधित त्यागपत्र सीएमएचओ को सौंपा। इसमें साफ कहा गया है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। दरअसल, हाल ही में 25 एनएचएम कार्यकर्ताओं को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया था। इसे लेकर नाराजगी गहराई और पूरे प्रदेश के 33 जिलों के 16 हजार से अधिक एनएचएम कार्यकर्ताओं ने एक साथ सामूहिक त्यागपत्र सौंप दिया। केवल अंबिकापुर जिले से ही 500 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा दिया है।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे लंबे समय से नियमितीकरण, वेतनमान सुधार और नौकरी की स्थिरता की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार बार-बार आश्वासन देने के बावजूद ठोस कदम नहीं उठा रही। एनएचएम कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराने लगी है। ओपीडी सेवाएं प्रभावित हो गई हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह बाधित हो गई हैं। एनएचएम कर्मियों के अनुसार, उन्होंने सरकार को कई बार ज्ञापन सौंपा और वार्ता की पहल भी की, मगर समाधान की बजाय उल्टा बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई की गई, जिससे माहौल और बिगड़ गया। इधर, सामूहिक त्यागपत्र के बाद मरीजों और उनके परिजनों में भी भारी नाराजगी और चिंता का माहौल है। लोग कह रहे हैं कि पहले ही डॉक्टरों और स्टाफ की कमी से अस्पतालों की हालत खराब है, अब एनएचएम कर्मियों के हटने से हालात और बिगड़ जाएंगे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे सेवा में वापस नहीं लौटेंगे। अब देखना यह होगा कि सरकार इस सामूहिक इस्तीफे को गंभीरता से लेकर कोई सकारात्मक निर्णय लेती है या फिर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं और संकट में पड़ेंगी।











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