Ambikapur वाले ज़रूर पढ़ें: Surguja का गौरवशाली इतिहास अब एक जगह
- Surguja Socials
- Jun 14
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Surguja ज़िला – इतिहास, संस्कृति और पर्यटन का संगम
Chhattisgarh के उत्तर भाग में स्थित Surguja एक ऐसा ज़िला है जो प्राचीन इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य, राजवंशीय विरासत और जनजातीय संस्कृति का अद्भुत मेल प्रस्तुत करता है। इसका मुख्यालय Ambikapur न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह Surguja की सांस्कृतिक आत्मा भी है। यह क्षेत्र आज भी अपने ऐतिहासिक महलों, Ramgarh Hills की गुफाओं और आदिवासी परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।

Ramgarh Hills और Jogimara–Sitabengra Caves: रामायण से जुड़ी धरोहर
Ambikapur के पास स्थित Ramgarh Hills में Jogimara और Sitabengra गुफाएं भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं। माना जाता है कि यही वह स्थान है जहाँ भगवान राम और सीता ने अपने वनवास का कुछ समय बिताया था। Jogimara Cave में पाए गए ब्राह्मी लिपि के शिलालेख लगभग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के हैं, जो भारत में रंगमंच और कला की प्राचीनता को दर्शाते हैं। यह स्थल आज भी Ramgarh tourism, Jogimara inscriptions और Sitabengra caves जैसे शब्दों से Google पर खोजा जाता है।
Surguja रियासत का इतिहास – Ambikapur के राजाओं की गाथा
17वीं शताब्दी में Surguja क्षेत्र पर Raksel राजपूत वंश का शासन था। Maharaja Amar Singh और Maharaja Raghunath Sharan Singh Deo जैसे शासकों ने Ambikapur में शिक्षा, न्याय, दूरसंचार और प्रशासनिक संस्थानों की नींव रखी। Ambikapur स्थित Raghunath Palace आज भी उस गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है। Surguja princely state और Ambikapur royal family जैसे शब्द आज भी इतिहास में रुचि रखने वालों द्वारा खोजे जाते हैं।
Mainpat Hill Station, Hasdeo River और प्राकृतिक विविधता
Surguja की भौगोलिक रचना इसे Chhattisgarh के अन्य ज़िलों से अलग बनाती है। यहाँ का प्रमुख पर्यटन स्थल है Mainpat, जिसे “Shimla of Chhattisgarh” कहा जाता है। यहाँ की पहाड़ियाँ, घास के मैदान, जलप्रपात और Tibetan monastery इसे प्राकृतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष बनाते हैं। Surguja की नदियाँ – Hasdeo, Rihand और Kanhar – इस क्षेत्र की जीवनरेखा हैं। साथ ही, Jeeraphool चावल की खेती ने इस क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।
Surguja की जनजातीय संस्कृति – पौराणिक जुड़ाव और जीवंत परंपराएं
Surguja की आत्मा यहाँ के जनजातीय समुदायों में बसती है – विशेषकर Korwa, Pando, Gond, Oraon, Panika और Munda जनजातियों में। Pando जनजाति स्वयं को पांडवों का वंशज मानती है, जो इसे महाभारत काल से जोड़ती है। इन समुदायों की जीवनशैली, लोकनृत्य, गीत-संगीत और पारंपरिक हाट-बाज़ार Surguja की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाते हैं। 1951 में आए भीषण अकाल के समय Rajmohini Devi द्वारा आरंभ की गई Bapu Dharma Sabha Adivasi Seva Mandal आज भी इन समुदायों के उत्थान में कार्यरत है।
स्वतंत्रता के बाद से Chhattisgarh राज्य तक – Surguja का सफर
1948 में Surguja रियासत भारत में विलीन हुई और 1951 में यह Madhya Pradesh का हिस्सा बन गई। वर्ष 2000 में Chhattisgarh राज्य के गठन के साथ Surguja को फिर से पहचान मिली। आज Ambikapur एक उभरता हुआ Smart City है, जो स्वच्छता, पर्यटन और डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। यह क्षेत्र अब विकास और विरासत दोनों का प्रतीक बन चुका है।
Surguja पर्यटन – इतिहास, संस्कृति और प्रकृति का संगम
आज का Surguja कई ऐसे स्थलों का केंद्र है जहाँ पर्यटक, इतिहास प्रेमी और श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं:
Ramgarh Hills – ऐतिहासिक गुफाएं और प्राकृतिक ट्रेकिंग मार्ग
Jogimara और Sitabengra Caves – रामायण और ब्राह्मी लिपि की धरोहर
Mainpat Hill Station – शांत और हरित वातावरण, Tibetan संस्कृति
Raghunath Palace – राजवंशीय इतिहास का प्रमाण
Mahamaya Devi Mandir, Deogarh – धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र
Jeeraphool Rice Fields – सुगंधित चावल की राष्ट्रीय पहचान
Tribal Fairs – लोकसंस्कृति, हस्तशिल्प और उत्सव का जीवंत रूप
निष्कर्ष – Surguja का इतिहास हर किसी को जानना चाहिए
Surguja का इतिहास केवल एक ज़िले की कथा नहीं है – यह भारत की प्राचीन विरासत, जनजातीय गर्व और सांस्कृतिक विविधता की जीवंत प्रस्तुति है। इस ब्लॉग में Ramgarh caves, Mainpat, Raghunath Palace, Jeeraphool rice और जनजातीय संस्कृति को एकसाथ प्रस्तुत किया गया है। यदि आप Ambikapur या Surguja से जुड़े हैं, तो यह जानकारी आपके लिए गर्व का विषय है। इस लेख को साझा करें, ताकि Surguja की गौरवगाथा हर घर तक पहुंचे।









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